🏛️ जनता दरबार में भूमि विवादों पर डीसी ने की विस्तृत सुनवाई
समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में मंगलवार को आयोजित जनता दरबार में उपायुक्त अजय नाथ झा ने आम जनता से जुड़ी समस्याओं पर क्रमवार सुनवाई की।
जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे 64 से अधिक आवेदकों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराईं। डीसी ने कई मामलों का ऑन-स्पॉट निष्पादन किया और शेष मामलों को संबंधित विभागों को अग्रसारित कर शीघ्र जांच का निर्देश दिया।
⚖️ भूमि विवादों पर कोर्ट में सुनवाई के निर्देश
उपायुक्त ने अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी को निर्देश दिया कि सभी भूमि विवाद, स्वामित्व या अवैध कब्जे से जुड़े मामलों को “वाद खोलकर न्यायालय में सुनवाई” हेतु प्रस्तुत किया जाए।
उन्होंने कहा कि भूमि संबंधी प्रकरण अत्यंत संवेदनशील होते हैं, इसलिए हर आवेदन का निष्पादन विधिक प्रक्रिया के तहत पारदर्शिता से किया जाना चाहिए।
“भूमि विवादों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” — उपायुक्त अजय नाथ झा
📋 64 मामलों पर हुई सुनवाई, कई का हुआ मौके पर समाधान
जनता दरबार में भूमि अतिक्रमण, आपूर्ति विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण, वन विभाग, सामाजिक सुरक्षा और अन्य विभागों से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए।
उपायुक्त ने कहा कि जिला स्तर पर जितने भी आवेदन लंबित हैं, उन्हें समयबद्ध तरीके से निपटाया जाए।
👥 अधिकारियों की उपस्थिति और समन्वय पर जोर
इस दौरान उप विकास आयुक्त शताब्दी मजूमदार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी जगरनाथ लोहरा, तथा अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
उपायुक्त ने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि जनता दरबार में प्राप्त आवेदनों की नियमित मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग की जाए।
🏢 प्रखंड स्तर पर भी हुआ जनता दरबार का आयोजन
डीसी के निर्देशानुसार जिले के सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालयों में भी जनता दरबार आयोजित किए गए।
स्थानीय स्तर पर निपटने योग्य मामलों का तत्काल समाधान किया गया, जबकि जटिल मामलों को जिला स्तर पर भेजा गया।
🔍 निष्कर्ष
जनता दरबार के माध्यम से जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि जनसमस्याओं का पारदर्शी, त्वरित और न्यायसंगत समाधान सुनिश्चित हो।
उपायुक्त अजय नाथ झा ने कहा कि प्रशासन जनता की शिकायतों को गंभीरता से ले रहा है और हर नागरिक को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।








