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बीएसएल अंतर्गत ग्रामों के परिसीमन को लेकर उपायुक्त अजय नाथ झा ने की बैठक

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समाहरणालय में उपायुक्त अजय नाथ झा की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक

मंगलवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त श्री अजय नाथ झा की अध्यक्षता में बीएसएल (बोकारो स्टील सिटी) टाउनशिप और उसके अंतर्गत आने वाले गांवों के परिसीमन से संबंधित महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई।
बैठक में उप विकास आयुक्त श्रीमती शताब्दी मजूमदार, अपर समाहर्ता मो. मुमताज अंसारी, बीडीओ, सीओ चास, बीएसएल प्रतिनिधि एवं जनगणना विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।


🗺️ जनगणना 2027 को लेकर सीमांकन और सत्यापन के निर्देश

उपायुक्त ने निर्देश दिया कि आगामी जनगणना 2027 की तैयारी को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सेक्टर, ग्राम और बस्ती की भौगोलिक एवं प्रशासनिक सीमाओं का निर्धारण किया जाए।
उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट में सभी स्थानों को “ब्लैक एंड व्हाइट स्थिति” में दर्शाया जाए — ताकि किसी प्रकार की भ्रम या विवाद की स्थिति न बने।


📋 एक सप्ताह में तैयार होगी सर्वे रिपोर्ट

उपायुक्त ने बीएसएल प्रबंधन, बीडीओ और सीओ चास को संयुक्त टीम बनाकर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत सर्वे रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट केवल कागज़ी नहीं होनी चाहिए, बल्कि मैदानी सत्यापन और भौगोलिक मानचित्र के आधार पर तैयार की जाए।


🏙️ बीएसएल टाउनशिप स्टेटस को लेकर दिए गए दिशा-निर्देश

उपायुक्त ने कहा कि बीएसएल टाउनशिप का स्टेटस (शहरी या ग्रामीण) अब तक स्पष्ट नहीं है।
इसलिए बीएसएल प्रबंधन को नगर विकास विभाग और उद्योग विभाग को औपचारिक आवेदन भेजने के निर्देश दिए गए, ताकि भविष्य में परिसीमन कार्य और जनगणना में किसी प्रकार की अस्पष्टता न रहे।


⚙️ पारदर्शिता और समयबद्धता पर बल

उपायुक्त ने कहा कि बीएसएल क्षेत्र न केवल औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि बड़ी जनसंख्या को भी आवास प्रदान करता है।
इसलिए परिसीमन कार्य को समयबद्ध, पारदर्शी और विवादरहित ढंग से पूरा करना जरूरी है।
उन्होंने एसडीओ चास सुश्री प्रांजल ढांडा को इस कार्य का नोडल पदाधिकारी नामित किया और बताया कि अगली बैठक 21 अक्टूबर को आयोजित होगी।


📊 निष्कर्ष

बीएसएल अंतर्गत ग्रामों के परिसीमन की यह प्रक्रिया जनगणना 2027 की आधारशिला मानी जा रही है।
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि यह प्रशासनिक कार्य अत्यंत संवेदनशील है और इसकी सटीकता से जिले की विकास योजनाओं और आंकड़ों की विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।

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