हल्की बारिश के बाद तालाब में नहाने गईं बच्चियां, तीन की मौत, दो की जान बची
कैमूर : कैमूर जिले के मोहनिया प्रखंड स्थित सकरौली गांव में मंगलवार को एक हृदयविदारक हादसे में तीन बच्चियों की तालाब में डूबकर मौत हो गई। हल्की बारिश में भीगने के बाद नहाने गई पांच में से तीन बच्चियां गहराई में चली गईं और डूब गईं, जबकि दो अन्य किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहीं।
घटना की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने तत्काल तालाब में डूबी बच्चियों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। सूचना पर मोहनिया थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भभुआ सदर अस्पताल भेज दिया।
हादसे का पूरा घटनाक्रम
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सकरौली गांव की पांच बच्चियां मंगलवार को बकरी चराने निकली थीं। इसी दौरान हल्की बारिश शुरू हुई, जिससे भीगने के बाद बच्चियां पास के तालाब में नहाने चली गईं। नहाते समय तीन बच्चियां पानी की गहराई में चली गईं और डूबने लगीं। डर के मारे बाकी दो बच्चियां तालाब से बाहर निकल कर गांव पहुंचीं और शोर मचाया। ग्रामीण मौके पर दौड़े, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
ग्रामीणों की मदद से बच्चियों के शव बाहर निकाले गए और पुलिस को सूचित किया गया।
मृत बच्चियों की पहचान
डूबने से जिन तीन बच्चियों की मौत हुई, उनकी पहचान निम्न प्रकार से हुई है:
उषा कुमारी (11 वर्ष), पिता – जीतन राम
महिमा कुमारी (10 वर्ष), पिता – भोरिक राम
सुनीता कुमारी (10 वर्ष), पिता – स्वर्गीय सुरेंद्र पासी
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
सकरौली के दिनेश कुमार और कमलेश चौहान ने बताया कि बच्चियां बकरी चराने गई थीं और बाद में तालाब में नहाने लगीं, जहां यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि गांव वालों ने तुरंत सूचना दी, जिसके बाद मोहनिया पुलिस मौके पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई की।
वहीं, जिला परिषद सदस्य गीता पासी ने प्रशासन पर नाराजगी जताई और कहा कि अंचल अधिकारी को कई बार फोन किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
पुलिस का बयान
मोहनिया थाना प्रभारी प्रियेश प्रियदर्शी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया, “तीन बच्चियों की तालाब में डूबने से मौत हुई है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भभुआ भेज दिया गया है।”
निष्कर्ष
यह हादसा न केवल गांव के लिए बल्कि पूरे जिले के लिए गहरा सदमा है। यह एक बार फिर जल निकायों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। प्रशासन से उम्मीद की जाती है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।







