श्रावणी मेले की तैयारियों की समीक्षा, QR कोड आधारित शिकायत निवारण प्रणाली होगी खास
देवघर: झारखंड सरकार द्वारा आयोजित राजकीय श्रावणी मेला 2025 का शुभारंभ 11 जुलाई से देवघर में होने जा रहा है। एक महीने तक चलने वाला यह धार्मिक आयोजन न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि राज्य के प्रशासनिक ढांचे के लिए भी एक बड़ी परीक्षा बन गया है। देश-विदेश से लाखों कांवरिए, 108 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के बाद बाबा बैद्यनाथधाम पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं।
युद्धस्तर पर तैयारियां: मंत्री ने दिए सख्त निर्देश
राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने हाल ही में विधानसभा भवन में उच्चस्तरीय बैठक कर श्रावणी मेले की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में स्थानीय विधायक सुरेश पासवान, संथाल परगना आयुक्त, देवघर-दुमका डीसी, और तमाम विभागीय अधिकारी शामिल हुए।
मंत्री ने कहा कि,
“श्रद्धालुओं के लिए सेवा शिविर, चिकित्सा सुविधा, टेंट सिटी, पेयजल, बिजली, शौचालय, सुरक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की पूर्ण व्यवस्था की जा रही है।”
कांवरिया पथ पर बिछेगी गंगा की रेत
श्रद्धालुओं के पदयात्रा पथ को सहज और सुरक्षित बनाने के लिए दुम्मा से झारखंड-बिहार सीमा तक निरीक्षण कर मंत्री ने निर्देश दिया कि गड्ढामुक्त कांवर पथ पर गंगा की रेत बिछाई जाए, जिससे नंगे पांव चलने वाले कांवरियों को सुविधा हो।
5 जुलाई तक सभी कार्य पूर्ण करने का आदेश दिया गया है, जबकि 7 जुलाई को देवघर में अंतिम समीक्षा बैठक होगी।
QR कोड से शिकायत का 30 मिनट में समाधान
इस बार मेले में एक नया प्रयोग देखने को मिलेगा—QR कोड आधारित शिकायत निवारण प्रणाली। यह प्रणाली कांवरियों की शिकायतों को 30 मिनट के अंदर समाधान देने का दावा करती है।
मंत्री ने कहा:
“श्रावणी मेला इस बार तकनीकी रूप से स्मार्ट, मानव सेवा आधारित और पर्यावरण-अनुकूल होगा।”
भविष्य की योजना: अंडरपास और ट्रैफिक मैनेजमेंट
श्रावणी मेले के दौरान यातायात सुगमता के लिए कुछ प्रमुख सड़कों पर अंडरपास निर्माण की योजना बनाई गई है। मंत्री ने कहा कि इससे न सिर्फ श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी राहत मिलेगी।
📌 मुख्य बिंदु:
मेला तिथि: 11 जुलाई से 11 अगस्त 2025
स्थान: देवघर, झारखंड
आगमन अनुमान: 51 लाख कांवरिये
प्रमुख सुविधा: QR कोड आधारित शिकायत निवारण
योजना फोकस: टेंट सिटी, सुरक्षा, रेत पथ, अंडरपास