नशा मुक्ति जागरूकता अभियान के तहत चित्रांकन प्रतियोगिता, शपथ ग्रहण और नाट्य प्रस्तुति का आयोजन
बोकारो: जिला समाज कल्याण कार्यालय बोकारो के तत्वावधान में बाल विकास परियोजना, जरीडीह एवं पेटरवार के सहयोग से नशा मुक्ति अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था– आमजन, विशेषकर किशोर-किशोरियों, महिलाओं और युवाओं को मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और उन्हें एक स्वस्थ, नशामुक्त जीवन की ओर प्रेरित करना।
कार्यक्रम के तहत जरीडीह प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में सेविकाओं और सहायिकाओं द्वारा चित्रांकन प्रतियोगिता एवं सामूहिक शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों, युवाओं और किशोरियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने रंगों के माध्यम से यह संदेश दिया कि नशा न केवल व्यक्ति को, बल्कि पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करता है।
पेटरवार प्रखंड के चंदों पंचायत में भी इसी क्रम में चित्रांकन गतिविधि के माध्यम से युवाओं ने मादक पदार्थों के खतरों को उजागर किया। रचनात्मक चित्रों के जरिए यह बताया गया कि नशे की लत से कैसे बचा जा सकता है और जीवन को सकारात्मक दिशा दी जा सकती है।
नुक्कड़ नाटक बना संदेशवाहक
इस अभियान को और प्रभावशाली बनाने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय द्वारा प्रशिक्षित कलाकारों की टीम ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जनजागरूकता फैलाने का काम किया। नाटक में यह बताया गया कि नशा केवल व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति को नहीं बिगाड़ता, बल्कि पूरे परिवार और समाज को भी नुकसान पहुंचाता है।
नाटक की कहानी इस संदेश पर केंद्रित थी कि कैसे युवा नशे की गिरफ्त में आकर अपने भविष्य को अंधकार में धकेल देते हैं, लेकिन सही मार्गदर्शन और समर्थन से वे फिर से मुख्यधारा में लौट सकते हैं।
एलईडी वैन और खेल विभाग ने भी निभाई भूमिका
जिले के विभिन्न प्रखंडों में “नशे को ना, जिंदगी को हां” थीम पर आधारित एलईडी जागरूकता वैन चलाई गई। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताया गया और नशामुक्त जीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
इसके अलावा जिला खेल विभाग, बोकारो द्वारा भी खिलाड़ियों के माध्यम से विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे युवाओं में जागरूकता का संदेश और प्रभावी ढंग से प्रसारित हो सका।
निष्कर्ष:
समाज को नशे के खिलाफ एकजुट करने और जनमानस को जागरूक करने की दिशा में यह कार्यक्रम प्रभावशाली साबित हुआ। इस प्रकार की पहलें भविष्य में भी होती रहें, ताकि आने वाली पीढ़ी एक स्वस्थ, सशक्त और नशामुक्त भारत का निर्माण कर सके।