सीबीएसई की ओर से क्षमता-निर्माण कार्यशाला का आयोजन
बोकारो: कहानी सुनाना महज मनोरंजन नहीं, बल्कि शिक्षा का एक प्रभावी और सशक्त माध्यम है। इसी उद्देश्य से शनिवार को डीपीएस बोकारो (सेक्टर-4) में सीबीएसई पटना उत्कृष्टता केंद्र (COE) की ओर से “स्टोरी टेलिंग के माध्यम से अध्यापन” विषय पर शिक्षकों की क्षमता-निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल, सेक्टर-5 के प्राचार्य सोमेन चक्रवर्ती मुख्य रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि कहानियां बच्चों के मानसिक विकास, कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता को बढ़ावा देती हैं। स्टोरी टेलिंग शिक्षण को रोचक, प्रभावशाली और दीर्घकालिक बनाने में सहायक है।
“बचपन में दादी-नानी की कहानियां बच्चों की सोच पर गहरी छाप छोड़ती हैं। क्लासरूम में भी जब शिक्षक पाठ को कहानी के रूप में प्रस्तुत करते हैं, तो वह लंबे समय तक याद रहता है।”
— सोमेन चक्रवर्ती, प्राचार्य, जीजीएस पब्लिक स्कूल
रचनात्मकता, समझदारी और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाता है किस्सागोई शिक्षण
चक्रवर्ती ने किस्सागोई के उद्देश्य, उसकी उपयोगिता, कक्षा-विशिष्ट महत्व और शैक्षिक प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह 21वीं सदी में कौशल विकास का एक महत्वपूर्ण टूल है, जिससे शिक्षक और विद्यार्थी के बीच तालमेल व संप्रेषण क्षमता बेहतर होती है।
कार्यशाला में चिन्मय विद्यालय के शैक्षणिक पर्यवेक्षक राहुल रॉय ने भी विचार साझा करते हुए कहा कि अध्यापन में कहानियों का समावेश शिक्षण शैली को सजीव बनाता है।
स्टोरी टेलिंग: बच्चों को जोड़ने और एकाग्रता बढ़ाने का प्रभावी जरिया
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसे प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार और दोनों रिसोर्स पर्सन ने संयुक्त रूप से किया। स्वागत भाषण में डॉ. गंगवार ने कहा कि स्टोरी टेलिंग बच्चों की एकाग्रता बढ़ाने, उन्हें विषयों से जोड़ने और शिक्षण प्रक्रिया को दिलचस्प बनाने का सशक्त माध्यम है।
कार्यशाला में विद्यालय के 65 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया। इसमें स्टोरी टेलिंग से जुड़ी गतिविधियां, प्रश्नोत्तरी, और मूल्यांकन सत्र का आयोजन किया गया।