🚨 रांची रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ की सतर्कता से मानव तस्करी की कोशिश नाकाम
रांची, 12 जून 2025: आरपीएफ पोस्ट रांची द्वारा मानव तस्करी के खिलाफ एक अहम कार्रवाई करते हुए छह नाबालिग बच्चों को संदिग्ध अवस्था में रेलवे स्टेशन से रेस्क्यू किया गया। यह संयुक्त अभियान आरपीएफ कमांडेंट श्री पवन कुमार के निर्देश पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) और ‘नन्हे फरिश्ते’ टीम के सहयोग से चलाया गया।
🧒 छह नाबालिग लड़के संदिग्ध अवस्था में मिले, बिहार से आए थे काम की तलाश में
प्लेटफॉर्म संख्या 02 पर बैठे नाबालिगों से जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि वे सभी गया (बिहार) से काम की तलाश में घर से निकले थे।
इन बच्चों की पहचान इस प्रकार की गई:
पवन कुमार (14 वर्ष), निवासी रसूना, जिला गया
रोहित कुमार (17 वर्ष), निवासी शिवराजपुर, थाना मुफस्सिल, गया
नीतेश कुमार (16 वर्ष), निवासी मोचरिम, पोस्ट बोधगया, गया
करन कुमार (16 वर्ष), निवासी लोडीपुर, थाना मुफस्सिल, गया
विक्रम कुमार (16 वर्ष), निवासी भोला बिगहा, थाना मोचरिम, गया
रौशन कुमार (14 वर्ष), निवासी सियाजपुर, थाना बोधगया, गया
👮♂️ कानूनी प्रक्रिया के बाद चाइल्डलाइन को सौंपा गया
आरपीएफ और एएचटीयू ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए सभी नाबालिगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया और आवश्यक कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद उन्हें चाइल्डलाइन रांची को सौंप दिया गया। यहां बच्चों को देखभाल, परामर्श और पुनर्वास सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
🏅 जिम्मेदारी और तत्परता का परिचय देने वाली टीम
इस सराहनीय कार्य में निम्न अधिकारियों और कर्मचारियों ने विशेष भूमिका निभाई:
उप निरीक्षक – सोहन लाल
उप निरीक्षिका – सुनीता तिर्की
स्टाफ – अभिषेक कुमार यादव, सुचिता प्रभा टोप्पो, संगीता कच्छप
इनकी सूझबूझ और सक्रियता से छह मासूम बच्चों की जिंदगी को एक बड़ी अनहोनी से बचा लिया गया।
📌 निष्कर्ष: मानव तस्करी के विरुद्ध RPF की सक्रिय पहल
आरपीएफ रांची की यह कार्रवाई मानव तस्करी जैसी गंभीर सामाजिक समस्या पर कड़ा प्रहार है। बच्चों को सुरक्षित बचाकर मानवता और कानून दोनों की रक्षा की गई। इस तरह के प्रयास देशभर में सुरक्षा एजेंसियों के लिए उदाहरण हैं।