हूल दिवस जामताड़ा 2025: उपायुक्त ने कहा – कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाना ही सच्चा हूल
जामताड़ा: जामताड़ा जिले के ऐतिहासिक गांधी मैदान स्थित सिद्धू-कान्हू की प्रतिमा पर आज हूल दिवस पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज और जनसमूह की उपस्थिति में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी रवि आनंद ने अमर सेनानियों सिद्धू कान्हू, चांद भैरव सहित अन्य वीरों को माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
उपायुक्त रवि आनंद ने इस अवसर पर समाज सुधार का आह्वान करते हुए कहा,
“आज हूल दिवस के माध्यम से हमें यह समझना होगा कि समाज की जितनी भी कुरीतियां हैं – चाहे वह नशा, दहेज, बाल विवाह या अन्य कोई सामाजिक बुराई – उन्हें जड़ से समाप्त करने के लिए हमें हूल करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जिस तरह 1855 में सिद्धू-कान्हू ने अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद की, उसी तरह आज के समय में हमें सामाजिक बुराइयों के खिलाफ संघर्ष करना होगा। उपायुक्त ने युवाओं को इन कुरीतियों से लड़ने और एक विकासशील समाज के निर्माण का संकल्प लेने की प्रेरणा दी।
हूल दिवस: शौर्य और बलिदान की मिसाल
हूल दिवस झारखंड के इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है। यह दिवस 1855 में संथाल विद्रोह की याद में मनाया जाता है, जब साहिबगंज जिले के भोगनाडीह गांव से सिद्धू-कान्हू और चांद-भैरव के नेतृत्व में हजारों ग्रामीणों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंका था। उन्होंने “अंग्रेज हमारी माटी छोड़ो” का नारा देते हुए मालगुजारी देना बंद किया और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी।
प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त निरंजन कुमार, परियोजना निदेशक ITDA, अनुमंडल पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने वीर सेनानियों की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।