गोमिया परियोजना में सेविका-सहायिकाओं का विरोध तेज, पर्यवेक्षिका पर कार्रवाई की मांग
गोमिया, बोकारो: गोमिया प्रखंड अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविकाओं और सहायिकाओं ने बाल विकास परियोजना कार्यालय द्वारा जारी ज्ञापन संख्या 285 के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि इस आदेश में उनके पारिवारिक सदस्यों — पति, पुत्र, पुत्री या अभिभावकों — के सहयोग को प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिससे कार्य संचालन में गंभीर बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
🔴 सेविकाओं की आपत्तियाँ:
सेविकाएं चाहती हैं कि उन्हें महीने में केवल 1-2 दिन मुख्यालय बुलाया जाए, लेकिन मौखिक आदेशों के तहत 10-15 दिन मुख्यालय आना पड़ता है।
इससे आर्थिक, मानसिक व शारीरिक परेशानियाँ हो रही हैं। कई बार कार्यालयी दस्तावेज़ों के लिए परिजनों की मदद लेना जरूरी होता है, जो अब संभव नहीं रह गया।
⚠️ पर्यवेक्षिका पर गंभीर आरोप:
सेविकाओं ने महिला पर्यवेक्षिका पर डांट-फटकार, मारने की धमकी, मानसिक प्रताड़ना और बार-बार चयन से मुक्त करने की धमकी देने जैसे आरोप लगाए हैं। उन्होंने मांग की कि उनके व्यवहार की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
📢 प्रशासनिक पक्ष:
इस मामले पर जब प्रभारी अंचलाधिकारी और बाल विकास पदाधिकारी श्री आफताब आलम से पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया:
> “सेविकाएं अपने परिजनों के साथ आ सकती हैं, लेकिन दस्तावेज केवल स्वयं सेविकाएं ही जमा करें। पर्यवेक्षिका को किसी से अभद्र व्यवहार का अधिकार नहीं है, यदि ऐसा सामने आता है तो निश्चित कार्रवाई की जाएगी।”
📄 सेविकाओं की तीन प्रमुख मांगें:
1. ज्ञापन संख्या 285 को तत्काल रद्द किया जाए।
2. गोमिया परियोजना में स्थायी सीडीपीओ की नियुक्ति की जाए।
3. महिला पर्यवेक्षिका के व्यवहार की जांच कर कार्रवाई की जाए।
🚨 चेतावनी:
सेविकाओं ने चेताया है कि यदि उनकी मांगें शीघ्र नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगी। इस मुद्दे पर उपायुक्त बोकारो, अनुमंडल पदाधिकारी तेनुघाट, प्रखंड विकास पदाधिकारी गोमिया और मंत्री योगेंद्रप्रसाद महतो को ज्ञापन सौंपा गया है।