बोकारो झामुमो में गुटबाजी से संगठनात्मक संकट, पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर मचा घमासान
बोकारो: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की बोकारो जिला इकाई में आंतरिक मतभेद अब खुलकर सामने आ चुके हैं। पार्टी की केंद्रीय समिति द्वारा हाल ही में घोषित नई जिला और महानगर कमेटियों की सूची को लेकर संगठन के पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं में तीव्र असंतोष है।
इन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उन्होंने वर्षों तक तन-मन-धन से पार्टी की सेवा की, लेकिन नई सूची में उन्हें पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। इससे न केवल उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है, बल्कि संगठनात्मक पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी पर एक खास गुट का कब्जा हो गया है, जो अपने चहेतों को पदाधिकारी बना रहा है। इन नए चेहरों में कई ऐसे लोग हैं जो पार्टी की गतिविधियों में न तो सक्रिय हैं और न ही उन्होंने संगठन को कोई ठोस योगदान दिया है।
गुरुवार को पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ता पूर्व जिलाध्यक्ष एवं केंद्रीय समिति सदस्य हीरालाल मांझी और केंद्रीय समिति सदस्य अशोक मुर्मू से मिले। उन्होंने उन्हें एक लिखित मांग पत्र सौंपा और आग्रह किया कि इस मुद्दे को झारखंड के मुख्यमंत्री एवं झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तक पहुंचाया जाए।
कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। संगठन के अंदर इस तरह की गुटबाजी और उपेक्षा झामुमो की संगठनात्मक एकता और मजबूती के लिए खतरा बनती जा रही है।







