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कृषि भूमि पर धान की रोपनी पर रोक, भारतमाला परियोजना के भूमि अधिग्रहण में तेजी

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जिला पदाधिकारी ने दी चेतावनी – सरकारी जमीन पर रोपनी करने पर सभी सुविधाएं होंगी स्थगित


कैमूर : भारत सरकार की राष्ट्रीय महत्व की भारतमाला परियोजना के तहत कैमूर जिले में चल रहे भूमि अधिग्रहण, मुआवजा भुगतान एवं निर्माण कार्यों की प्रगति का निरीक्षण जिला पदाधिकारी सुनील कुमार एवं पुलिस अधीक्षक हरि मोहन शुक्ला ने आज चैनपुर अंचल के सिहोरा और सिकंदरपुर मौजा में किया।

इस निरीक्षण में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, डीसीएलआर, कृषि पदाधिकारी और पुलिस बल के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


किसानों को मुआवजा आवेदन की अपील

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई किसानों ने अभी तक भू-अर्जन कार्यालय में मुआवजा हेतु आवेदन नहीं किया है, जबकि कुछ रैयत आर्बिट्रेटर न्यायालय में अपनी आपत्ति दर्ज कराने भी नहीं पहुंचे हैं।
जिला पदाधिकारी ने किसानों से सीधी बातचीत करते हुए उन्हें अवगत कराया कि समय रहते आवेदन न करने पर उन्हें कानूनी असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।


रोपनी पर सख्त निर्देश – परियोजना भूमि भारत सरकार की संपत्ति

जिला पदाधिकारी ने कहा कि भूमि अधिसूचना जारी होते ही वह भारत सरकार की संपत्ति हो जाती है, और ऐसे में उस पर किसी भी प्रकार की खेती, विशेषकर धान की रोपनी अवैध है।

कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि जो भी किसान परियोजना एलाइनमेंट क्षेत्र में रोपनी करते पाए जाएं, उनकी सभी सरकारी सुविधाएं व अनुदान तत्काल स्थगित कर दिए जाएं।

इसके साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी को विधि व्यवस्था भंग करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया गया है।


14 जुलाई को आर्बिट्रेटर कैंप कोर्ट – अंतिम मौका

पटना प्रमंडल के आयुक्त एवं आर्बिट्रेटर न्यायालय के नेतृत्व में 14 जुलाई 2025 को दो स्थानों – चैनपुर और रामपुर में कैंप कोर्ट का आयोजन किया जाएगा:

  • चैनपुर प्रखंड सभागार – चैनपुर, भभुआ एवं चांद अंचल के किसान

  • रामपुर प्रखंड सभागार – रामपुर एवं भगवानपुर अंचल के किसान

किसान निर्धारित फॉर्मेट में आवेदन अपने अंचल कार्यालय से प्राप्त कर, सभी आवश्यक कागजातों के साथ पूर्व में जमा कर सकते हैं।

यह कैमूर जिले में अंतिम कैंप कोर्ट होगा। इसके बाद किसानों को पटना जाकर व्यक्तिगत रूप से आवेदन करना होगा।


भुगतान आदेश प्राप्त किसानों को LPC और वंशावली के साथ आवेदन की सलाह

जिन किसानों को आर्बिट्रेटर न्यायालय से आदेश मिल चुका है, उन्हें LPC (भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र) और वंशावली प्रमाणपत्र के साथ शीघ्र आवेदन जमा करने का निर्देश दिया गया है, ताकि भुगतान प्रक्रिया प्रारंभ की जा सके।

जिला पदाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया है, ताकि सभी प्रभावित किसान समय पर अपने आवेदन दाखिल कर सकें।


निष्कर्ष:
कैमूर जिला प्रशासन भारतमाला परियोजना को समय पर पूर्ण कराने हेतु तत्पर है। किसानों से अपील की गई है कि वे इस अंतिम अवसर का लाभ उठाकर मुआवजा व आवेदन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करें, अन्यथा भविष्य में उन्हें अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

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Suresh Choudhary
Suresh Choudharyhttp://cityhulchul.in
City Hulchul News के बोकारो संवाददाता। जनहित, अपराध और सामाजिक मुद्दों की निष्पक्ष रिपोर्टिंग में सक्रिय।
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