सीसीएल का नया कोकिंग कोल मिशन, पिछरी माइंस जल्द होगी चालू: सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह
सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) अब डीआरएंडआरडी परियोजना के तहत वृहद पैमाने पर कोयला उत्पादन की योजना बना रही है। सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह ने शनिवार को करगली गेस्ट हाउस में प्रभात खबर से विशेष बातचीत में बताया कि कोकिंग कोल की मांग 2030-32 तक 100 मिलियन टन प्रति वर्ष तक पहुंच सकती है। इसके लिए ‘मिशन कोकिंग कोल’ योजना तैयार की गई है।
सीएमडी ने कहा कि पिछरी माइंस को हर हाल में चालू किया जाएगा। भूमि सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें चार से पांच महीने लगेंगे। कोयला चोरी रोकने के लिए आई ट्रिपल सी (I3C) तकनीक का आठ क्षेत्रों में सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा चुका है।
मॉनसून के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। मोटर पंप, पाइपलाइन, 48 नए डंपर, टायर और फॉग कैनन खरीदे गए हैं। बेरमो क्षेत्र के तीन एरिया – बीएंडके, कथारा और ढोरी – 19 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य पूरा करेंगे।
सीसीएल ने वर्ष 2024-25 में 800 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमाया, जिसमें कोयले की गुणवत्ता (96%) ने अहम भूमिका निभाई। चार नए फॉरेस्ट क्लियरेंस भी मिल चुके हैं।
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