मिथिला एकेडमी में बहुभाषी कवि सम्मेलन, वीररस और मातृ वंदना से गूंजा विद्यापति सभागार
बोकारो। मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल सेक्टर-4 के विद्यापति सभागार में रविवार को साहित्यलोक और मिथिला सांस्कृतिक परिषद बोकारो के संयुक्त तत्वावधान में बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। रांची, हजारीबाग और बोकारो से आए नामचीन साहित्यकारों ने वीररस, मातृत्व, सद्भाव, प्रेम, भक्ति व करुणा से सराबोर रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाकवि विद्यापति की वंदना “जय जय भैरवि…” से गायिका आंचल पाठक ने किया। मुख्य अतिथि कुमार मनीष अरविंद, हितनाथ झा, तुलानंद मिश्र व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर मैथिली नाटक ‘अहां बिनु हम जीयब कोना’ और कविता संग्रह ‘कविक आबा’ का लोकार्पण हुआ।
कवयित्री करुणा कलिका की ‘हम भारत की बेटी हैं जब खड्ग हाथ में धारेंगें’, अरुण पाठक की ‘जाति, धर्म के नाम पर नहि बांटू इंसान के’, अमृता शर्मा की ‘धर्म का मर्म’ और अन्य रचनाओं ने भावनाओं का ज्वार ला दिया। मैथिली, हिंदी, भोजपुरी, खोरठा जैसी भाषाओं में रचनाएं प्रस्तुत की गईं।
कार्यक्रम का संचालन शंभु झा व अमन कुमार झा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन राजेंद्र कुमार ने। यह आयोजन शहर के लिए एक साहित्यिक उत्सव साबित हुआ।