अल्पसंख्यक उत्थान योजनाओं के प्रचार को झटका, कैमूर में JDU सम्मेलन रहा फीका
कैमूर: बिहार सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए शुरू की गई योजनाओं को लेकर राज्य भर में अल्पसंख्यक संवाद कार्यकर्मों का आयोजन किया जा रहा है। इन्हीं प्रयासों के तहत राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान के गृह जिला कैमूर में जनता दल यूनाइटेड (JDU) की ओर से अल्पसंख्यक संवाद सम्मेलन आयोजित किया गया।
लेकिन चुनावी वर्ष में समुदाय का समर्थन हासिल करने की कोशिश पार्टी के लिए कमजोर पड़ती दिखी, क्योंकि कार्यक्रम में उपस्थित लोगों की संख्या बेहद कम रही।
200 की भीड़ भी नहीं जुटी, कुर्सियां रहीं खाली
करीब दो लाख की मुस्लिम आबादी वाले कैमूर जिले में आयोजित संवाद सम्मेलन में 200 लोग भी नहीं पहुंचे। कार्यक्रम भभुआ स्थित जिला मुख्यालय में एक छोटे से सभागार में आयोजित किया गया था, जहां पटना से जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
कार्यक्रम के लिए सैकड़ों कुर्सियां लगाई गई थीं, लेकिन अधिकांश कुर्सियां अंत तक खाली रहीं। यह नजारा उस वक्त और भी असहज हो गया जब मंच से योजनाओं की जानकारी देने वाले नेताओं को श्रोताओं की कमी का सामना करना पड़ा।
नेताओं ने टाल-मटोल जवाब दिया
जब पत्रकारों ने इस कम उपस्थिति को लेकर JDU नेताओं से सवाल किया, तो उन्होंने सीधे जवाब देने से बचते हुए गोल-मोल उत्तर दिए। कुछ नेताओं ने इसे सूचना के अभाव या अन्य कार्यक्रमों से टकराव का कारण बताया, जबकि स्थानीय कार्यकर्ता भी उत्साहहीन दिखे।
योजनाएं तो हैं, पर जमीनी पकड़ कमजोर
सम्मेलन का उद्देश्य अल्पसंख्यकों के बीच सरकार की योजनाओं को लेकर जागरूकता फैलाना था—जैसे शिक्षा छात्रवृत्ति, स्वरोजगार ऋण, मदरसा आधुनिकीकरण, कौशल विकास आदि—but जन सहभागिता की कमी ने JDU की चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नजारा सिर्फ आयोजन की विफलता नहीं बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय में पार्टी से मोहभंग का संकेत भी हो सकता है।







