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हूल दिवस मनाने को लेकर झामुमो की तैयारी बैठक सम्पन्न: सिद्धू-कानू की वीरगाथा से हर नागरिक को जोड़ना हमारा उद्देश्य — रतन लाल मांझी

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हूल दिवस केवल इतिहास नहीं, हमारी अस्मिता और संघर्ष की पहचान है — मंटू यादव

बोकारो: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) बोकारो जिला समिति द्वारा आगामी 30 जून 2025 को हूल दिवस के भव्य आयोजन को लेकर जिला कार्यालय में तैयारी बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष रतन लाल मांझी ने की जबकि संचालन प्रवक्ता कुमार आकाश टुडू ने किया।

इस बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि हूल दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा, अस्मिता और संघर्ष का जीवंत प्रतीक है। रतन लाल मांझी ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि झारखंड का हर नागरिक सिद्धू-कानू जैसे वीर योद्धाओं की वीर गाथा को जाने और उनसे प्रेरणा ले।”

कार्यक्रम स्थल और विशेष आयोजन

30 जून को चास आईटीआई मोड़ स्थित सिद्धू-कानू की आदमकद प्रतिमा स्थल पर हूल दिवस पूरे सम्मान और गर्व के साथ मनाया जाएगा। इस दौरान झामुमो द्वारा एक भव्य झांकी निकाली जाएगी, जिसमें झारखंड के स्वतंत्रता सेनानियों की गौरवगाथा को दर्शाया जाएगा।

कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु जिला, नगर, प्रखंड, पंचायत और ग्राम स्तर तक जनसंपर्क अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। इसके माध्यम से सिद्धू-कानू, फूलो-झानो, चांद-भैरो जैसे आदिवासी वीर-वीरांगनाओं की गाथाएं जन-जन तक पहुँचाई जाएंगी।

बैठक में झामुमो के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:

केंद्रीय सदस्य हीरालाल मांझी

जिला उपाध्यक्ष घुनू हसदा, फिरदौस अंसारी

संगठन सचिव मुक्तेश्वर महतो, फैयाज आलम

बोकारो महानगर उपाध्यक्ष संजय केजरीवाल, मनोज हेंब्रम, भोलू खान, आलोक सिंह

फुसरो नगर अध्यक्ष दीपक महतो

चास प्रखंड अध्यक्ष रामदयालु सिंह, सचिव मनोज महतो

चंदनक्यारी प्रखंड अध्यक्ष कालीपद महतो

बेरमो प्रखंड सचिव गणेश श्रीवास्तव

अन्य सदस्य जैसे केसी टुडू, मिथुन मंडल, इस्लाम अंसारी, कन्हैया सिंह, अभिमन्यु हेमरोम, दिलीप ठाकुर, राकेश सिंह, सुखविंदर सिंह, सृष्टि देवी, सानिया बेगम, कुसुम भारती, रूबी खातून, सोहनलाल मांझी, वीरेन रजवार, रवींद्रनाथ मांझी, सुमित मुर्मू, टीकू महतो, अक्लू मांझी आदि।

सैकड़ों की संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया।

📌 निष्कर्ष:
हूल दिवस 2025 का यह आयोजन न केवल झारखंड की गौरवशाली परंपरा को याद करने का अवसर है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपनी संस्कृति और संघर्ष की विरासत से जोड़ने की एक सशक्त पहल है।

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Suresh Choudhary
Suresh Choudharyhttp://cityhulchul.in
City Hulchul News के बोकारो संवाददाता। जनहित, अपराध और सामाजिक मुद्दों की निष्पक्ष रिपोर्टिंग में सक्रिय।
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