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35 वर्षों की सेवा के बाद रिटायर हुए चालक को डीसी ने दिया अनोखा सम्मान, घर तक छोड़ने भेजा अफसर

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35 वर्षों की सेवा के बाद रिटायर हुए चालक को डीसी ने दिया अनोखा सम्मान, घर तक छोड़ने भेजा अफसर

बोकारो: आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर पुष्प गुच्छ, मिठाई और विदाई समारोह की औपचारिकता निभाई जाती है। मगर बोकारो उपायुक्त श्री अजय नाथ झा ने 35 वर्षों तक सेवा देने वाले अपने चालक सत्येंद्र कुमार मुन्ना को कुछ अलग ही अंदाज में सम्मानित कर मिसाल कायम की।

शनिवार को समाहरणालय सभागार में झारखंड राज्य अनु सचिवीय कर्मचारी संघ, बोकारो इकाई द्वारा आयोजित सम्मान सह विदाई समारोह में मुन्ना जी को पारंपरिक तरीके से विदाई दी गई। समारोह में उपस्थित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उन्हें पुष्प गुच्छ और शुभकामनाएं देकर सम्मानित किया।

लेकिन सबसे खास क्षण तब आया जब उपायुक्त झा ने उन्हें केवल शब्दों में नहीं, बल्कि व्यवहार में भी सम्मान देने का तरीका चुना। उन्होंने मुन्ना जी को चार पहिया वाहन में बैठाया और खुद की जगह डीसीएलआर चास श्री प्रभाष दत्ता को ड्राइवर की सीट पर बैठा कर, सत्येंद्र मुन्ना को उनके घर तक सम्मानपूर्वक पहुंचवाया।

35 वर्षों की सेवा के बाद रिटायर हुए चालक को डीसी ने दिया अनोखा सम्मान, घर तक छोड़ने भेजा अफसर
35 वर्षों की सेवा के बाद रिटायर हुए चालक को डीसी ने दिया अनोखा सम्मान, घर तक छोड़ने भेजा अफसर

यह दृश्य उपस्थित सभी लोगों के लिए बेहद प्रेरणादायक और भावुक कर देने वाला था। लोगों ने उपायुक्त की इस संवेदनशील पहल की सराहना करते हुए इसे एक “प्रशासनिक सम्मान की नई परिभाषा” बताया।

📜 सत्येंद्र मुन्ना का योगदान:

  • लगभग 35 वर्षों की सेवा में उन्होंने गिरिडीह से लेकर बोकारो जिला बनने तक लगातार प्रशासनिक सेवा दी।

  • वे न केवल एक चालक के रूप में, बल्कि विश्वासपात्र कर्मचारी के रूप में भी हमेशा विश्वसनीय रहे।

🗣️ अधिकारियों की प्रतिक्रिया:

उपायुक्त अजय नाथ झा ने कहा —

“जो व्यक्ति वर्षों तक हमें हमारी मंज़िलों तक पहुंचाता रहा, आज उसे उसके सम्मान के साथ उसके घर तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।”


✅ निष्कर्ष:

बोकारो में प्रशासनिक सेवा की यह मिसाल बताती है कि सम्मान केवल शब्दों से नहीं, कर्मों से होता है। सत्येंद्र मुन्ना जैसे कर्मठ कर्मचारियों को सम्मान देने का यह तरीका न केवल उनके लिए गर्व का क्षण था, बल्कि प्रशासनिक दुनिया में एक मानवता भरी मिसाल भी बन गया।

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