अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं निशिकांत – हीरालाल
बोकारो। बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर इन दिनों झारखंड की सियासत गरमा गई है। सत्ता पक्ष और विरोधी दल के नेता एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। इसी क्रम में भाजपा के गोड्डा सांसद और धनबाद सांसद ढुल्लू महतो की बयानबाजी के खिलाफ मंगलवार को बोकारो के झामुमो कार्यकर्ताओं ने जिला समाहरणालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। झंडा-बैनर लेकर सैकड़ों झामुमो कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान मीडिया से बातचीत में झामुमो के जिलाध्यक्ष हीरालाल मांझी ने कहा कि भाजपा के नेताओं और लोगों के पास अपना कोई विजन नहीं है, अपना कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे लोग अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। वो समझ गए हैं कि लोकसभा चुनाव को झांकी थी, विधानसभा चुनाव बाकी है। पूरे झारखंड से भाजपा का सफाया तय है और हेमंत सोरेन की ही सरकार फिर बनने जा रही है। भाजपा के नेता इसी बौखलाहट में अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। वे जनहित के मुद्दे से जनता को भटका रहे हैं। राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार जनहित में काम कर रही है।
मांझी ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा कथित तौर पर आदिवासियों के खिलाफ की गई बयानबाजी पर आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि निशिकांत अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। उन्हें कांके जाकर अपना इलाज कराने की जरूरत है। जिन आदिवासियों-मूलवासियों के सहयोग से अलग झारखंड राज्य की स्थापना हो सकी है, उन्हीं के खिलाफ वे गलत बातें कर रहे हैं। हीरालाल ने कहा कि ऐसे नेताओं को झारखंड में रहने का कोई हक नहीं है। हेमंत सरकार को बदनाम करने वाले ऐसे नेता अगर नहीं सुधरते हैं, तो उन्हें वहीं भेजने का काम किया जाएगा जहां से वे आए थे। झामुमो उनसे दो-दो हाथ करने को तैयार है।
मांझी ने कहा कि घुसपैठ की समस्या अगर है तो इसे देखना केन्द्र सरकार का काम है, गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी हैा। वे लोग सोए हुए हैं। ऐसे में भाजपाइयों के पास कोई काम नहीं है तो वे बेवजह हाय-तौबा मचा रहे हैं। जनता समझ चुकी है कि कौन काम करने वाला है। प्रदर्शन के बाद झामुमो कार्यकर्ताओं ने झारखंड के राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा।