डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती पर संगोष्ठी, राष्ट्रवाद और बलिदान को किया गया याद
कुंडहित (नाला विधानसभा) झारखंड: भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर कुंडहित स्थित सिंचाई कॉलोनी में एक विचारगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष सुमित शरण ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश मंत्री दिलीप वर्मा उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि दिलीप वर्मा ने कहा, “डॉ. मुखर्जी का जीवन राष्ट्रभक्ति, सिद्धांत और त्याग का प्रतीक है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का उनका संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की दूरदर्शिता से पूरा हुआ।”
उन्होंने डॉ. मुखर्जी के बलिदान को देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता का प्रतीक बताते हुए युवाओं से उनके विचारों को आत्मसात करने की अपील की।
सिद्धांतों के लिए दिया मंत्री पद से इस्तीफा
भाजपा जिलाध्यक्ष सुमित शरण ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने तुष्टिकरण की राजनीति का डटकर विरोध किया। उन्होंने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की संसद में खुलकर वकालत की और अंततः जम्मू-कश्मीर की यात्रा के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। यह बलिदान आज भी भारतवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत है।
राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरणा लेने की अपील
भाजपा नेता माधव चंद्र महतो ने कहा कि डॉ. मुखर्जी के विचार आज भी भाजपा और देश की राह दिखाते हैं। उन्होंने युवाओं से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देने की अपील की।
भाजपा नेता विष्णु मंडल ने उन्हें एक कट्टर राष्ट्रवादी और दूरदर्शी शिक्षाविद् बताया, जिन्होंने भारत की संप्रभुता और आत्मनिर्भरता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का संचालन भाजपा जिला महामंत्री दिलीप हेम्ब्रम ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन जिला उपाध्यक्ष गया प्रसाद मंडल ने किया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से सुभद्रा बाउरी, मनोज गोस्वामी, हरिसाधन मंडल, गौतम महतो, वरुण मंडल, किशन मुर्मू, बनमाली मंडल, ओम प्रकाश यादव, नोनी गोपाल, जगबंधु घोष सहित अनेक भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।