मोराबादी में लोहे के बीम और नट-बोल्ट से तैयार की जा रही इमारत
राँची: मोराबादी क्षेत्र में एक ऐसी अत्याधुनिक इमारत बन रही है, जो पारंपरिक निर्माण तकनीकों की सीमाओं को तोड़ती नजर आ रही है। इस पांच मंजिला इमारत में न ईंट का इस्तेमाल हो रहा है, न बालू-पत्थर का और न ही बहुत अधिक सीमेंट का। इसके स्थान पर स्टील के बीम, खंभे, प्लेट और नट-बोल्ट का उपयोग कर यह बिल्डिंग खड़ी की जा रही है।
इस तकनीक की सबसे खास बात यह है कि पूरी इमारत को जरूरत पड़ने पर किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट भी किया जा सकता है। साथ ही इसकी रीसेल वैल्यू भी बनी रहती है, जिससे यह तकनीक न केवल समय और संसाधनों की बचत करती है बल्कि निवेश के रूप में भी लाभदायक साबित हो सकती है।
इमारत को एक फोर स्टार होटल के रूप में विकसित किया जा रहा है। बेसमेंट में बैंक्वेट हॉल, पहले फ्लोर पर कॉन्फ्रेंस हॉल और ऊपर के तीन मंजिलों पर गेस्ट रूम बनाए जा रहे हैं। निर्माण विशेषज्ञों के मुताबिक, पारंपरिक तकनीक से जहां एक पांच मंजिला इमारत बनाने में दो से ढाई साल तक का समय लग सकता है, वहीं इस आधुनिक स्टील स्ट्रक्चर तकनीक से महज 6 से 7 महीने में काम पूरा किया जा सकेगा। हालांकि लागत में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि होती है, लेकिन समय की बचत और टिकाऊपन इसे अधिक उपयोगी बनाते हैं।
बाहरी ढांचा पूरी तरह से स्टील के बीम और प्लेटों से तैयार हो रहा है, जिसे नट-बोल्ट की सहायता से जोड़ा जा रहा है।
जब यह पूरी तरह तैयार हो जाएगी, तो देखने में यह किसी पारंपरिक कंक्रीट बिल्डिंग जैसी ही लगेगी। देश के कुछ महानगरों और विदेशों में यह तकनीक पहले से ही अपनाई जा चुकी है, लेकिन राँची में इस तरह का निर्माण पहली बार हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, राँची में रवि स्टील के पास भी इसी तकनीक से एक अन्य इमारत निर्माणाधीन है।







