✊ बोकारो में ट्रेड यूनियनों का हुंकार: “चार लेबर कोड्स रद्द करो”, 9 जुलाई की हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प
बोकारो: ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा, बोकारो के तत्वावधान में शनिवार को सेक्टर 3 स्थित एटक कार्यालय के हॉल में एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित हुआ। सात सदस्यीय अध्यक्षमंडली की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आगामी 9 जुलाई 2025 को प्रस्तावित अखिल भारतीय आम हड़ताल को समर्थन देना और इसे सफल बनाना था।
सम्मेलन में वक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए चार लेबर कोड्स को मजदूर विरोधी बताते हुए कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में जब पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था, उस वक्त केंद्र की मोदी सरकार ने चुपचाप 44 पुराने श्रम कानूनों को खत्म कर चार नए लेबर कोड्स को पारित कर दिया। यह बदलाव मजदूरों के सभी मौलिक अधिकारों को समाप्त कर देंगे।
🔍 क्या हैं मजदूरों की मुख्य आपत्तियां?
12 घंटे काम और 8 घंटे वेतन
वेतन समझौता, बोनस, हड़ताल का अधिकार समाप्त
फिक्स टर्म जॉब आधारित वेतन प्रणाली
मैटरनिटी और चाइल्ड केयर लीव समाप्त
₹18,000 से ऊपर वेतन पाने वाले मजदूरों को श्रमिक की परिभाषा से बाहर
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की स्थिति और बदतर होने की आशंका
🔁 सेल मजदूरों की समस्याएं
वक्ताओं ने सेल बोकारो के मजदूरों की समस्याओं को भी उठाया। बताया कि:
39 महीने का एरियर बकाया
ग्रेच्युटी पर सीलिंग, पर्क्स का एरियर भी लंबित
वेतन समझौता अधूरा
🗣️ नेताओं ने क्या कहा?
सभा को कई वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेताओं ने संबोधित किया, जिनमें शामिल थे:
रामाश्रय प्रसाद सिंह (महामंत्री, एटक)
बी डी प्रसाद (महामंत्री, सीटू)
बी एन उपाध्याय (उपाध्यक्ष, इंटक)
देवदीप सिंह दिवाकर (महामंत्री, एक्टू)
मोहन चौधरी (महामंत्री, एआईयूटीयूसी)
आर के वर्मा (महामंत्री, एचएमएस)
डी सी गोहाई (महामंत्री, झारखंड मजदूर यूनियन)
सभी ने सरकार की मजदूर नीति की तीखी आलोचना करते हुए 9 जुलाई की हड़ताल को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान किया।
🚜 किसानों के आंदोलन की मिसाल
सम्मेलन में वक्ताओं ने किसानों के 2022 के आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करवा सकते हैं, तो मजदूर भी एकजुट होकर चार लेबर कोड्स को रद्द करवाने में सफल हो सकते हैं।
📢 निष्कर्ष: मजदूर वर्ग के हक की निर्णायक लड़ाई
कार्यकर्ता सम्मेलन में उपस्थित सभी यूनियनों और नेताओं ने एक सुर में कहा कि यह समय है मजदूर एकता को दिखाने का। सभी ने संकल्प लिया कि 9 जुलाई की अखिल भारतीय आम हड़ताल को सफल बनाकर मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी।