समाहरणालय में हुई समीक्षा बैठक, पौधारोपण व नदी अतिक्रमण पर दिए गए निर्देश
बोकारो। समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में गुरुवार को उप विकास आयुक्त (डीडीसी) शताब्दी मजूमदार की अध्यक्षता में नमामि गंगे योजना के अंतर्गत पौधारोपण सप्ताह (7 से 14 जुलाई) को लेकर तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ), नोडल पदाधिकारी शक्ति कुमार सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में नदी अतिक्रमण हटाने, पीएम-कुसुम योजना की प्रगति, एवं पौधारोपण अभियान की विस्तृत समीक्षा की गई। डीडीसी ने उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
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04 जुलाई तक चिन्हित करें पौधारोपण स्थल
डीडीसी ने सभी बीडीओ को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने प्रखंड में नदी किनारे, परती भूमि, विद्यालय परिसर, पंचायत भवनों एवं सड़कों के किनारे पौधारोपण के लिए स्थल चिन्हित कर 4 जुलाई तक सूची जिला कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
साथ ही वन विभाग की नर्सरी से समय पर पौधे प्राप्त करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
पौधारोपण कार्य में पंचायती राज प्रतिनिधियों, वन रक्षकों, रोजगार सेवकों, शिक्षकों, स्वयंसेवी संगठनों, महिला समूहों, युवाओं एवं आम नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देने की बात कही गई। सभी पौधों की जियो-टैगिंग एवं दस्तावेजीकरण भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
05 जुलाई तक हर प्रखंड में बने नदी अतिक्रमण रोकने वाली टास्क फोर्स
बैठक में बताया गया कि फिलहाल केवल नावाडीह, जरीडीह, कसमार और चंद्रपुरा प्रखंडों में ही नदी अतिक्रमण रोकने हेतु टास्क फोर्स का गठन किया गया है। शेष प्रखंडों को 5 जुलाई तक टास्क फोर्स गठन की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश मिला।
डीडीसी ने यह भी कहा कि पूर्व में दिए गए निर्देशानुसार नदी अतिक्रमण पर प्रखंडवार मासिक रिपोर्ट अपेक्षित थी, लेकिन अब तक किसी भी प्रखंड से रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। सभी बीडीओ को क्षेत्र भ्रमण कर रिपोर्ट, नक्शा और फोटो साक्ष्य के साथ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
पीएम-कुसुम योजना की समीक्षा
डीडीसी ने बैठक में प्रधानमंत्री कुसुम योजना की प्रगति की भी समीक्षा की। नोडल पदाधिकारी ने जानकारी दी कि जिले में कुल 960 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 777 आवेदन स्वीकृति हेतु सूचीबद्ध किए जा चुके हैं जबकि 183 आवेदन अभी लंबित हैं। लंबित आवेदनों के त्वरित निष्पादन को लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए गए।
निष्कर्ष:
उप विकास आयुक्त द्वारा की गई इस समीक्षा बैठक में स्पष्ट रूप से जोर दिया गया कि पौधारोपण सप्ताह को सफल बनाने, नदी अतिक्रमण पर नियंत्रण और पीएम-कुसुम योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समन्वयपूर्ण और तत्पर कार्यशैली अपनाई जाए।