मनरेगा सिंचाई कूप योजना से किसानों को मिला संजीवनी, अब सालभर हो रही खेती
बोकारो : जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से रोजगार के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में स्थायी विकास की नई मिसाल देखने को मिल रही है। मनरेगा के तहत बनाए गए बिरसा सिंचाई कूप से किसानों को सालभर सिंचाई की सुविधा मिल रही है, जिससे वे अब एक नहीं, बल्कि तीन-तीन फसलों के साथ सब्जियां भी उगा पा रहे हैं।
वर्षभर सिंचाई से बदली खेतों की तस्वीर
कभी बारिश पर निर्भर रहने वाले खेतों में अब रबी, खरीफ के साथ-साथ भारी मात्रा में सब्जी उत्पादन भी संभव हो पाया है। किसान अब आलू, प्याज, टमाटर, बैगन, मिर्च, खीरा जैसी नकदी फसलें उगाकर रोजगार और आमदनी दोनों में वृद्धि कर रहे हैं।
किसानों की ज़ुबानी: सिंचाई कूप बना आजीविका का आधार
दिनेश कुमार महथा, लालपुर पंचायत (चंदनकियारी) निवासी, बताते हैं कि पहले पानी की कमी के कारण एक ही फसल ले पाते थे। पर अब 3.96 लाख रुपये की लागत से उनके खेत में बनाए गए सिंचाई कूप से गेहूं, धान और सब्जियों की खेती हो रही है। प्रति वर्ष 50-60 हजार रुपये की अतिरिक्त आय हो रही है।
इसी पंचायत के सोमनाथ बनर्जी भी कहते हैं कि उनके पास खेत तो था, लेकिन सिंचाई का कोई साधन नहीं था। मनरेगा योजना से बना सिंचाई कूप अब उनकी डेढ़ एकड़ भूमि को जीवन दे रहा है, जिसमें वे करेला, भिंडी, झिंगली और मकई उगा रहे हैं। पैदावार बेहतर होने से परिवार की आर्थिक स्थिति भी सशक्त हो रही है।
प्रशासन का फोकस: अपूर्ण कार्यों को जल्द करें पूर्ण
प्रशासन ने मानसून को देखते हुए अपूर्ण सिंचाई कूप निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों से कहा गया है कि इस योजना का अधिकतम लाभ किसानों तक पहुंचाया जाए ताकि अधिक से अधिक किसान सिंचाई की सुविधा का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बन सकें।
सरकार का उद्देश्य: आयवर्धन और किसान सशक्तिकरण
सरकार की प्राथमिकता किसानों की आय को दोगुना करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की है। मनरेगा जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा रही है।