Monday, September 16, 2024
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वन रक्षकों का अनिश्चितकालीन धरना: पदोन्नति के अवसर छीनने का विरोध

वन रक्षकों का अनिश्चितकालीन धरना: पदोन्नति के अवसर छीनने का विरोध

2014 में नियुक्त वन रक्षकों ने झारखंड राज्य सरकार द्वारा हाल ही में संशोधित वन नियम नियमावली का विरोध करते हुए बोकारो के डीएफओ कार्यालय में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। इस धरने का नेतृत्व झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के बोकारो शाखा अध्यक्ष शशिकांत महतो कर रहे हैं, जिसमें बोकारो वन प्रमंडल के 23 वन रक्षक शामिल हैं।

वन रक्षकों का तर्क है कि 2014 की नियमावली में 100% वन रक्षकों को वनपाल के पद पर पदोन्नत करने का प्रावधान था। लेकिन वर्तमान सरकार ने नियमों में संशोधन कर वनपाल पदों के लिए 50% सीधी भर्ती का प्रावधान कर दिया है, जिससे उनकी पदोन्नति के अवसर छीन लिए गए हैं।

**”हम वनपाल के रूप में प्रोन्नति की उम्मीद में काम कर रहे थे। लेकिन अब ऐसा लगता है कि हमारे पदोन्नति के मौके छीन लिए गए हैं। यह निराशाजनक है,” महतो ने कहा।**

वन रक्षकों ने डीएफओ बोकारो रजनीश कुमार को एक मांग पत्र सौंपा है, जिसमें उनकी मांगों को पूरा करने का आग्रह किया गया है। उनकी मुख्य माँगें हैं:

* 2014 की नियमावली को बहाल किया जाए, जिसमें 100% वन रक्षकों को वनपाल के रूप में पदोन्नति का प्रावधान था।
* वर्तमान सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को वापस लिया जाए।
* वन रक्षकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार गंभीर कदम उठाए।

धरना जारी रहने से वन विभाग की नियमित गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं। वन रक्षक अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और उन्होंने तब तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने का संकल्प लिया है जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।

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