ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा, बोकारो की बैठक: मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष का संकल्प
बोकारो: ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा, बोकारो की बैठक आज सेक्टर 3 स्थित एटक कार्यालय में आई डी प्रसाद की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में शामिल सभी वक्ताओं ने एकस्वर में केन्द्र की मोदी सरकार की मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष करने का संकल्प लिया।
वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार सभी श्रम कानूनों को समाप्त कर केवल चार श्रम संहिता लाने की योजना बना रही है, जिससे मजदूरों के अधिकारों को गंभीर नुकसान होगा। उनका कहना था कि यह संहिता मजदूरों के हक़ों के लिए एक बड़ा खतरा है और यह पूरी तरह से कारपोरेट और मालिक पक्षीय बनाई जा रही है। इसके परिणामस्वरूप मजदूरों को काम के घंटे, सामाजिक सुरक्षा की गारंटी, नियमित रोजगार की गारंटी, हड़ताल करने का अधिकार और ट्रेड यूनियन बनाने के अधिकार जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं से वंचित किया जाएगा।
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
1 मई – मजदूर दिवस पर रैली: आगामी 1 मई को मजदूरों की एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा। यह रैली शाम 5 बजे नया मोड़, बिरसा चौक से शुरू होकर सेक्टर 4 गांधी चौक में सभा में तब्दील होगी।
20 मई की देशव्यापी हड़ताल: आगामी 20 मई को होने वाली देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में 30 अप्रैल को संयुक्त मोर्चा की एक और बैठक होगी।
हड़ताल नोटिस: आगामी 2 मई को बोकारो इस्पात प्रबंधन को हड़ताल नोटिस दिया जाएगा, ताकि मजदूरों के अधिकारों की रक्षा की जा सके।
बैठक में शामिल प्रमुख नेता
इस महत्वपूर्ण बैठक में एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह, एच जी राय, सीटू के के एन सिंह, आर के गोराई, आर एन सिंह, एक्टू के जे एन सिंह, एआईयूटीयूसी के मोहन चौधरी और एचएमएस के आर के वर्मा सहित कई प्रमुख नेताओं ने अपने विचार साझा किए और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए संघर्ष की जरूरत पर जोर दिया।
बैठक में एक स्वर में यह घोषणा की गई कि मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा और केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाई जाएगी।