गुरुजी के पदचिन्हों पर चलने को यूनियन कृतसंकल्पित: बी. के. चौधरी
बोकारो: जय झारखंड मजदूर समाज के बैनर तले कोक ओवन एंड कोक केमिकल विभाग के सल्फेट प्लांट में कार्यरत ठेका मजदूरों की आवाज ने एक बार फिर प्रबंधन को झुकने पर मजबूर कर दिया। तकरीबन 300 मजदूरों में से 12 को नौकरी से निकाले जाने और 2 मजदूरों को डी-ग्रेड कर एसएसडब्ल्यू बनाए जाने के फैसले के खिलाफ यूनियन ने जोरदार संघर्ष किया।
जय झारखंड मजदूर समाज ने इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई के विरोध में 17-18 अप्रैल को 48 घंटे की हड़ताल का नोटिस दिया था। मजदूरों की एकजुटता और दृढ़ता के चलते विभागीय प्रभारी ने 16 अप्रैल तक सभी मजदूरों को पुनः बहाल कर दिया और एसएसडब्ल्यू को फिर से एसडब्ल्यू पद पर नियुक्त कर दिया।
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इस जीत के बाद यूनियन द्वारा घोषित हड़ताल को वापस ले लिया गया और जय झारखंड मजदूर समाज कार्यालय में मजदूरों ने महामंत्री बी. के. चौधरी का जोरदार स्वागत किया। फूल-मालाओं, गुलदस्तों और मिठाइयों के साथ मजदूरों ने अपनी खुशी जाहिर की।
महामंत्री बी. के. चौधरी ने अपने संबोधन में कहा,
“जय झारखंड मजदूर समाज की स्थापना 1992 में गुरूजी (शिबू सोरेन) के विचारों और आदर्शों को आत्मसात कर की गई थी। हम आज भी उन्हीं पदचिन्हों पर चलने को कृतसंकल्पित हैं – गरीब, असहाय और शोषित वर्ग को आर्थिक शोषण से मुक्ति दिलाना हमारा मुख्य उद्देश्य है।”
उन्होंने सल्फेट प्लांट में समझौता कराने में भूमिका निभाने वाले विभागाध्यक्ष पी. एस. कुमार, महाप्रबंधक के. एन. झा, सीएलसी प्रमुख एस. के. दत्ता, और आईआर के सहायक महाप्रबंधक उज्ज्वल कुमार को भी धन्यवाद दिया।
बी. के. चौधरी ने मजदूरों से आह्वान किया कि वे संगठित रहकर हर प्रकार के शोषण के खिलाफ आवाज उठाते रहें।
इस अवसर पर यूनियन के संयुक्त महामंत्री और विभागीय नेता अनिल कुमार, तुलसी साह, रौशन कुमार, बिनोद कुमार, हरेंद्र लहरी, रंजित महली, सुवास गोप, नागेंद्र सिंह, वीरेंद्र, धर्मी मंडल, प्रदीप गोप, शंकर कुमार, आर. बी. चौधरी, बादल कोयरी समेत कई सदस्य मौजूद रहे।