बीएसएल के हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग सेंटर में बांस रोपण से बनेगा कार्बन सिंक
बीएसएल के हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग सेंटर में बांस रोपण का यह कदम न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय समुदाय की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगा। बांस के पौधों की रोपाई से कार्बन सिंक बनाने की योजना के तहत, 1800 बांस के पौधे लगाए जाएंगे, जो कि 120 मीट्रिक टन CO2 का पृथक्करण और शोधन करने में सक्षम होंगे।
इस पहल से बांस की विभिन्न प्रजातियाँ जैसे कि बंबूसा टुल्डा, बंबूसा बाल्कोआ, और डेंड्रोकैलेमस गिगेंटस, आदि का रोपण किया जाएगा, जो आने वाले वर्षों में हैंडीक्राफ्ट सेंटर में उपयोग के लिए कच्चा माल प्रदान करेंगे। इसके अलावा, बांस की खेती से पानी की कम आवश्यकता होती है और यह वायु की गुणवत्ता में सुधार करता है क्योंकि यह अन्य पेड़ों की तुलना में 35% अधिक ऑक्सीजन छोड़ता है।
इस योजना का उद्देश्य न केवल पर्यावरणीय लाभ पहुंचाना है, बल्कि स्थानीय गांवों की महिलाओं को बांस आधारित हस्तशिल्प वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण देकर उनके आर्थिक उत्थान में सहायता भी करना है। इसके तहत, बीएसएल ने दुमका स्थित एलआईएमएस-ईएसएएफ फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है और सेंटर में बने उत्पादों के लिए मार्केटिंग लिंकेज स्थापित किया गया है।
बीएसएल के निदेशक प्रभारी श्री बीके तिवारी का कहना है कि यह पहल कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के साथ-साथ कारीगरों को कच्चे माल की निरंतर आपूर्ति भी सुनिश्चित करेगी।